छत्तीसगढ़ में पंचायती राज व्यवस्था
मध्यप्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1993
•24
जनवारी 1994 को राज्यपाल की
अनुमति प्राप्त
•25
जनवारी 1994 मध्यप्रदेश
राजपत्र में प्रथम बार प्रकाशित
छ.ग.
राज्य पंचायती राज अधिनियम 1993
•नवम्बर 2000 के प्रथम दिन से सम्पूर्ण छ.ग. राज्य में लागू
•छत्तीसगढ़ में राजपत्र (असाधारण) क्र. 134 दिनांक 18.06.2001 द्वारा यथावत
अनुकुलन किया गया जिसे, विधियों का
अनुकुलन आदेश कहते है।
•समस्त विधियों में मध्यप्रदेश शब्द जहाँ कही भी आया हो, उसके स्थान पर
छ.ग. शब्द स्थापित किया गया
पंचायती
राज हेतू गठित समिति
नोट-
1. बलवंत राय
मेहता समिति - 1957 कि अनुशंसा पर
त्रिस्तरीय पंचायती की परिकल्पना सामने आई। इसी के तहत 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के
नागौर जिले से तात्कालिक प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा, पंचायती राज
व्यवस्था को आरम्भ हुआ।
2. अशोक मेहता
समिति- 1977 इन्होनें
द्विस्तरीय पंचायती राजमण्डल व जिला परिषद् की सिफारिश कि ।
3. सरकारियाँ
आयोग - 1985 इन्होने नियमित चुनाव के लिए कानून पर बल दिया
•इसके अलावा डॉ. राव समिति, लक्ष्मीमल सिंघवी समिति, आदि ने भी
पंचायती राज व्यख्या पर सुझाव प्रस्तुत किये। पर सबसे महत्वपूर्ण 73वाँ संविधान
संशोधन था जिसके तहत संविधान में 11 वी अनुसूची जोड़ी गयी और लोकतात्रिक
विकेन्द्रीकरण को वास्तविक रूपदया।
•इसके अंतर्गत अनुच्छेद 243 में पंचायतों से
सम्बन्धित प्रावधान किये गये है। जिसमें 15 उपअनुच्छेद है।
•पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य शक्ति का विकेन्द्रीकरण ।
•अनुच्छेद 40 में नीति निर्देशक तत्व में पंचायत सम्बधी
प्रवधान है।
•जिस राज्य का जनसंख्या 20 लाख से कम है यहाँ
मध्यवर्ती स्तर नही होता है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान
•73
वाँ संविधान
संशोधन 1992. भारत सरकार के
बजट में प्रकाशक के बाद 24
अप्रैल 1993 को लागू किया
गया।
•इस अधिनियम को भारतीय संविधान में भाग - 09 एवं 11 वी अनुसूची जोड़ी
गयी।
•73
वाँ संविधान
संशोधन वाला पंचायती राज्य अपनाने वाला प्रथम राज्य म.प्र. है।
•पंचायती राज्य की तीन स्तरीय प्रणाली में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत जिला
परिषद् का प्रावधान किया गया।
नोट:- जिस राज्य में 20 लाख से कम जनसंख्या वाले राज्य में मध्यस्तर नहीं होने के कारण, ग्राम पंचायत एवं जिला परिषद का प्रावधान किया गया।
•पंचायती राज,राज्य सूची का विषय है।
•73 वाँ सविधान संसोधन
के समय पी.वी. नरसिम्हाराव प्रधानमंत्री थे।
•सविधान के 11 वी अनुसूची
में 29 विषय प्रावधान पंचायत को शक्ति दिया गया है।
73 वाँ संविधान
संशोधन के तहत् भाग - 9 में पंचायत जोड़ा गया है, इसके अंतर्गत अनुच्छेद 243 में पंचायत से संबंधित प्रवधान
किये गये जो कि अनुच्छेद 73 (क) से अनुच्छेद 243 (ण) के रूप में विस्तार किया गया, इसके अंतर्गत निम्न
प्रवधान है –
1. अनु. 243 (क)
- ग्राम सभा।
2.अनु. 243 (ख) -
पंचायतों का गठन ।
3.अनु. 243 (ग) -
पंचायतों का संरचना ।
4. अनु. 243 (घ) -
आरक्षण का प्रवधान ।
5.अनु 243 (ङ) -
पंचायतों का कार्यकाल ।
6. अनु. 243 (च) -
सदस्यता के लिए निर्रहताए ।
7. अनु. 243 (छ)
- पंचायतों की शक्तियाँ, प्रधिकार एवं
उत्तरदायित्व ।
8.अनु. 243 (ज) -
पंचायतों के द्वारा कर अधिरोपित करने कि शक्ति और पंचायतों की निधियों
9. अनु. 243 (झ)
- राज्य वित्त आयोग का गठन।
10. अनु. 243 (ञ)
- पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा।
11. अनु. 243 (ट)
- पंचायतो के लिए निर्वाचन एवं निर्वाचन आयोग ।
12. अनु. 243 (ण)
- निर्वाचन सम्बधित मामलों में न्यायलयों का हस्तक्षेप का वर्जन
किन्तु पंचायती राज अधिनियम के तहत् किसी
निर्वाचन को याचिका पेश कर प्रश्नगत किया जा सकता है
•ग्राम पंचायत
मामले में - अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)
• जनपद पंचायत
मामले में - कलेक्टर को
•जिला पंचायत
मामले में - संचालक पंचायत को
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