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छत्तीसगढ़ के भौतिक एवं प्राकृतिक विभाग


त्तीसगढ़ अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में आता था एवं भौतिक विभाग के अन्तर्गत इसे पूर्वी पठार कहा जाता था.

छत्तीसगढ़ वस्तुतः देश के वृहद प्रायद्वीपीय पठार के उत्तर-पूर्वी भाग में विस्तृत है, जिसमें बघेलखण्ड के पठार का दक्षिण पूर्वी हिस्सा, पाट प्रवेश, सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ का मैदान, दण्डकारण्य का पठार सम्मिलित है.

छत्तीसगढ़ एक विविध भौगोलिक स्थिति वाला क्षेत्र है. धरातलीय संरचना की दृष्टि से इस प्रदेश में जहाँ एक ओर ऊँची पर्वतमालाएं और पठार हैं, वहीं दूसरी ओर इनसे निकलने वाली नदियों से विस्तृत उपजाऊ मैदान भी हैं.

वस्तुतः यह क्षेत्र भारत का द्वितीय स्तर का भौतिक प्रदेश है, जो प्रथम स्तर के भू-भौतिक प्रदेश प्रायद्वीपीय पठार का एक उप-विभाग है.

 

अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्वी पठार का लगभग आधा पूर्वी हिस्सा छत्तीसगढ़ में आता है. उत्तर से दक्षिण की ओर सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ को निम्नलिखित 4 विभागों में बाँटा जा सकता है-

 

1. पूर्वी बघेलखण्ड का पठार

2. जशपुर सामरी पाट प्रदेश

3. महानदी बेसिन

4. दण्डकारण्य का पठार

 

साधारणतः यह उपविभागीय क्रमशः सोन, महानदी एवं गोदावरी बेसिन में आता है।



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