Type Here to Get Search Results !

आतंकवाद पर निबंध कैसे लिखे -


आतंकवाद और भारत अथवा आतंकवाद एक ज्वलंत समस्या

भूमिका:- आज यदि हम भारत की विभिन्न समस्याओं पर विचार करें तो हमें लगता है कि हमारा देश अनके समस्याओं के चक्रव्यूह में घिरा हुआ है । एक और भुखमरी, दूसरी और बेरोज़गारी, कहीं अकाल तो कहीं बाढ़ का प्रकोप है। इन सबसे भयानक समस्या आतंकवाद की समस्या है जो देश रूपी वट वृक्ष को दीमक के समान चाट-चाट कर खोखला कर रही है। कुछ अलगाववादी शक्तियां तथा पथ-भ्रष्ट नवयुवक हिंसात्मक रूप से देश में विभिन्न क्षेत्रों में दंगा-फसाद करा कर अपनी स्वार्थ सिद्ध में लगे हुए हैं।

atankwad
 

आतंकवादी समस्या, कारण, नियंत्रण, जनता का सहयोग, सरकार, कदम गंभीरता 


आंतकवाद से तात्पर्य है-"देश में आंतक की स्थिति उत्पन्न करना" | इसके लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर हिंसात्मक उत्पात मचाये जाते हैं जिससे सरकार उनमें उलझ कर सामाजिक जीवन के विकास के लिए कोई कार्य न कर सके। कुछ विदेशी शक्तियाँ भारत की विकास दर को | देख कर जलने लगी थीं। वे भी भारत के कुछ स्वार्थी लोगों को धन- दौलत का लालच देकर उन में उपद्रव कराती हैं जिससे भारत विकसित न हो सके। आतंकवादी रेल पटरियां उखाड़ कर, बस यात्रियों को मार कर, बैकों को लूट कर, सार्वजनिक स्थलों पर बम फेंक कर आदि कार्यों द्वारा आंतक फैलाने में सफल होते हैं।

भारत में आतंकवाद के विकसित होने के अनेक कारण हैं जिनमें से प्रमुख गरीबी, बेरोज़गारी, भुखमरी तथा धार्मिक उन्माद हैं। इनमें से धार्मिक कट्टरता आतंकवादी गतिविधियों को अधिक प्रोत्साहित कर रही है। लोग धर्म के नाम पर एक-दूसरे का गला काटने के लिए तैयार हो जाते हैं। धार्मिक उन्माद अपने विरोधी धर्मावलंबी को सहन नहीं कर पाता। परिणामस्वरूप हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-सिख, मुस्लिम, ईसाई आदि धर्म के नाम पर अनेक दंगे भड़क उठते हैं। इतना ही नहीं धर्म के नाम पर अलगाववादी अलग राष्ट्र की माँग भी करने लगते हैं। इससे देश की एकता भी खतरे में पड़ जाती है।

भारत सरकार को आतंकवादी गतिविधियों को कुचलने के लिए कठोर पग उठाना चाहिए। इसके लिए सर्वप्रथम कानून एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना चाहिए। जहाँ-जहाँ अंतर्राष्ट्रीय सीमा हमारे देश की सीमा को छू रही है, उन समस्त क्षेत्रों की पूरी नाकाबंदी की जानी चाहिए जिससे आतंकवादियों को सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद तथा प्रशिक्षण न प्राप्त हो सके। पथ-भ्रष्ट युवक-युवतियों को समुचित प्रशिक्षण देकर उनके लिए रोज़गार के पर्याप्त अवसर जुटाए जाने चाहिए। यदि युवा वर्ग को व्यस्त रखने तथा उन्हें उनकी योग्यता के अनुरूप कार्य दे दिया जाएं तो वे पथ-भ्रष्ट नहीं होंगे। इससे आतंकवादियों को अपना षड्यंत्र पूरा करने के लिए जन-शक्ति नहीं मिलेगी तथा वे स्वयं ही समाप्त हो जायेंगे।

जनता को भी सरकार से सहयोग करना चाहिए। कहीं भी किसी संदिग्ध व्यक्ति अथवा वस्तु को देखते ही उसकी सूचना निकट के पुलिस थाने में देनी चाहिए। बस अथवा रेलगाड़ी में बैठते समय आस-पास अवश्य देख लेना चाहिए कि कहीं कोई लावारिस वस्तु तो पड़ी नहीं है । अपरिचित व्यक्ति से कुछ उपहार आदि नहीं लेना चाहिए तथा सार्वजनिक स्थल पर भी संदिग्ध आचरण वाले व्यक्तियों से बच कर रहना चाहिए। इस प्रकार जागरूक रहने से भी हम आतंकवादियों को आतंक फैलाने से रोक सकते हैं।

कोई भी धर्म किसी की भी निर्मम हत्या की आज्ञा नहीं देता है। प्रत्येक धर्म 'मानव' ही नहीं अपितु प्राणि मात्र से प्रेम करना सिखाता है। अतः धार्मिक संकीर्णता से ग्रस्त व्यक्तियों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए तथा धार्मिक स्थानों की पवित्रता को अपने स्वार्थ के लिए नष्ट करने वाले लोगों के विरुद्ध सभी धर्मावलंबियों को एक साथ मिल कर प्रयास करना चाहिए। इससे धर्म की आड़ लेकर आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाले लोगों पर अंकुश लग सकेगा। सरकार को भी धार्मिक स्थलों के राजनीतिक उपयोगों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

उपसंहार:- यदि आतंकवाद की समस्या का गंभीरता से समाधान न किया गया तो देश का अस्तित्व खतरे में पड़ा जायेगा। सभी लड़ कर समाप्त हो जायेंगे। जिस आज़ादी को हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों का बलिदान दे कर प्राप्त किया उसे हम आपसी वैर-भाव से समाप्त कर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेंगे। देश पुनः परतंत्रता के बंधनों से जकड़ जाएगा। आतंकवादी हिंसा के बल से हमारा मनोबल तोड़ रहे हैं, हमें संगठित होकर उसकी ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए जिससे उनका मनोबल समाप्त हो जाए तथा वे जान सकें कि उन्होंने गलत मार्ग अपनाया है। वे आत्मग्लानि के वशीभूत होकर जब अपने किए पर पश्चात्ताप करेंगे तभी उन्हें देश की मुख्य धारा में सम्मिलित किया जा सकता है। अतः आतंकवाद की समस्या का समाधान जनता एवं सरकार दोनों के मिले- जुले प्रयासों से ही संभव हो सकता है।




Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.