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आहार शृंखला

 

पोषी स्तर क्या है? एक आहार शृंखला का उदाहरण दीजिए तथा विभिन्न पोषी स्तर बनाइए।

उत्तर - आहार शृंखला में उत्पादक और उपभोक्ता का स्थान ग्रहण करने वाले जीव जीवमंडल को कोई निशिचत संरचना प्रदान करते है, जिसे पोषी स्तर कहते है। आहार शृंखला में उत्पादक का पहला स्थान होता है। यदि हम पौधों का सेवन करें तो शृंखला में केवल उत्पादक तथा उपभोक्ता स्तर होते है। मांसाहारियों की आहार शृंखला में अधिक उपभोक्ता होते हैं।



·         कार्बन-चक्र क्या है?

नोट:- इन सभी प्रश्नो के उत्तर नीचे दिये गए है-

 

पारिस्थितिक तंत्र से संबन्धित याद रखने योग्य बाते-

v किसी जीव का वास स्थान उस जीव के रहने का स्थान होता है। जो जीव को वृद्धि करने, जनन करने तथा आराम हेतु आश्रय प्रदान करता है।

v जीव-मण्डल को सबसे बड़ा जैव तंत्र माना जाता है। यह एक विशाल स्व्यंपोषी जैव तंत्र है।

v जैव संसार में ऊर्जा और जैव पदार्थ का जैव और अजैव घटकों के बीच लगातार विनिमय होता रहता है। इसे पारिस्थितिक तंत्र कहते है।

v किसी भौगोलिक क्षेत्र में सारे पारिस्थितिक तंत्र मिलकर एक बड़ी इकाई का निर्माण करते है, जिसे जीवोम या बायोम कहते है।

v जीव-मण्डल में जैव घटक पौधे तथा जन्तु है।

v जीव-मण्डल में अजैव घटकों में प्रमुख वायु,जल,मृदा,खनिज,प्रकाश,ताप तथा वायुदाब आदि है।

v जोवोन को उत्पादक,उपभोक्ता तथा अपघटक के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

v किसी जीव द्वारा किसी अन्य जीव को उपभोग करने की क्रमबद्ध प्रक्रिया आहार शृंखला कहलाती है।

v आहार शृंखला के विभिन्न स्तरों पर भोजन का स्थानान्त्रण होता है।

v आहार शृंखला के पहले चरण में पर्यावरण से ऊर्जा जैव घटकों में प्रवेश करती है।

v केवल हरे पौधों में ही सूर्य की ऊर्जा की अंतर्ग्रहण करने की शक्ति होती है।

v शाकहारियों को प्रथम स्तर का उपभोक्ता तथा मासाहारियों को द्वितीय स्तर का उपभोक्ता कहते है।

v प्रत्येक ऊर्जा स्थानान्तरण में 10% ऊर्जा की हानि होती है।

v मानवीय क्रियाओं द्वारा आहार शृंखलाओं को छोटा करने से पारिस्थितिक तंत्र तथा जीव मण्डल में असंतुलन उत्पन्न होता है।

v कार्बन जैव जीवों का मुख्य घटक है जिसका चक्रण होता रहता है जिसे कार्बन-चक्र कहते है।

v जीवों के बीच अन्तःनिर्भरता की पहचान और पर्यावरण के साथ उनके सम्बन्धों के वैज्ञानिक अध्ययन को परिस्थितिकी कहते है।

v अधिकतर शृंखलाएँ पौधों से ही शुरू होती है।

v जीवाणु,फफूंद आदि मृत जीवों के शरीर के भागों को सरल पदार्थों में तोड़कर अपना भोजन प्राप्त करते है। ये अपघटक कहलाते है।

v पिरामिड एक ज्यामितीय संरचना है जिसका आधार चौड़ा तथा शीर्ष एक बिन्दु होता है।

v किसी पारिस्थितिक तंत्र के उत्पादकों का सम्मिलित जीव भार कहलाता है।

v कोई भी खाद्य शृंखला ऊर्जा के प्रवाह का एक मार्ग दर्शाती है। खाद्य जाल ऊर्जा के प्रवाह के कई मार्गों को दर्शाता है।

  v ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट । ऊर्जा एक रूप से दूसरे रूम में बादल सकती है। 


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